जय राधे जय राधे राधे, जय राधे जय श्री राधे।
भज मन राधे राधे, राधे राधे श्री राधे।।
आरती कीजै श्री राधे रानी की।
मंगल मूर्ति, मूरत भवानी की।।
गगन सम अंग, कांति उजियारी।
ललित छबि, लागे प्यारी प्यारी।।
नेत्र कमल, मधु मधुर बैन।
मकराकृति कुंडल शोभें नैन।।
कंठ माणिक, माल सुसज्जित।
कोटि चंद्र, बदन विराजित।।
सिंघासन बैठे श्री वृंदावन धामा।
श्री राधे रानी सब सुख की धामा।।
कंचन थार कपूर की बाती।
हरि आए राधा रानी की छाती।।
श्रद्धा से जो कोई गावे।
भवसागर से तरि जाए।।